सोमवार, 27 अक्तूबर 2014

ठेंगे पर प्रमाण-पत्र

प्रमाण पत्र
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मुझे यह प्रमाणित करते हुए हर्ष का अनुभव हो रहा है कि हिन्दी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रयोजनमूलक हिन्दी(पत्रकारिता) विषय के अनुसंधित्सु राजीव रंजन प्रसाद से मैं विगत 7 वर्षों  से परिचित हूँ। अपने शोधकार्य के दौरान इन्होंने स्तरीय सेमिनार-प्रस्तुति दी है। अपने कठोर परिश्रम, निष्ठा, सेवा-भावना एवं संकल्प-शक्ति के बल पर इन्होंने अपने शोध-कार्य की गुणवत्ता को उत्तरोत्तर संवृद्धि एवं स्तरीयता प्रदान की है। इनका मुख्य जोर/बल प्रयोजनमूलक हिन्दी भाषा को तकनीकी-प्रौद्योगिकी से जोड़ने एवं हिन्दी भाषा को अधिकाधिक नवाचारयुक्त बनाने की रही है। आधुनिक अभिसरण/अनुप्रयोग से संयुक्त हिन्दी की प्रयोजनीयता एवं भाषा-सम्बन्धी प्रयुक्तियों को समकालीन विषयों/सन्दर्भों/मुद्दों से जोड़ने में इनकी सम्बद्धता और सक्रियता विशेष रूप से विचारणीय है। इनके विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित लेखन-सामग्री से इनकी पत्रकारीय-क्षमता और तद्विषयक अंतःदृष्टि पर भी प्रकाश पड़ता है।

भावी जीवन में राजीव रंजन प्रसाद के उत्तरोत्तर विकास एवं स्वस्थ-जीवन की मैं मंगलाशा करता हूँ

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